हमारे प्रदेश में फर्जी प्रमाण पत्रों के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं का दुरुपयोग एक गंभीर समस्या बन गई है सरकार ने इस दिशा में कड़ा कदम उठाते हुए जांच प्रक्रिया को तेज करने के आदेश दिए हैं।
विशेष रूप से कुष्ठ रोग प्रमाण पत्र के माध्यम से विशेष योग्यजन पेंशन का अनुचित लाभ उठाने वालों की पहचान और कार्रवाई अब प्राथमिकता पर है।
जांच प्रक्रिया की शुरुआत
सरकार की ओर से दिए गए निर्देशों के अनुसार, जिला स्तर पर कलेक्टर और संबंधित विभागों को जिम्मेदारी दी गई है कि वे फर्जी प्रमाण पत्र धारकों की पहचान करें सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के आदेशानुसार, सभी विशेष योग्यजन पेंशन प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के प्रमाण पत्रों की विस्तृत जांच की जाएगी।
झालावाड़ जिले में जांच अभियान
झालावाड़ के जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ ने विभागीय टीमों को निर्देशित किया है कि वे विशेष योग्यजन पेंशन प्राप्त करने वाले लाभार्थियों के प्रमाण पत्रों की सघनता से जांच करें यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि हाल ही में कई शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर पेंशन का दुरुपयोग बताया गया।
पेंशन योजना के लाभ
प्रदेश सरकार के सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत, 75 वर्ष से कम आयु के विशेष योग्यजनों को 1150 रुपए प्रति माह और 75 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को 1250 रुपए प्रति माह दिया जाता है वहीं, कुष्ठ रोग पीड़ितों के लिए 2500 रुपए और सिलिकोसिस पीड़ितों के लिए 1500 रुपए प्रति माह की सहायता प्रदान की जाती है।
भौतिक सत्यापन की प्रक्रिया
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक रामनिवास यादव ने बताया कि सत्यापन के लिए लाभार्थियों को गूगल प्ले स्टोर से Rajssp App और Face Id App डाउनलोड कर भौतिक सत्यापन करवाना होगा यदि किसी पेंशनर के फिंगर प्रिंट नहीं आते हैं, तो अधिकारी द्वारा पेंशनर का आधार कार्ड और जनाधार कार्ड अपलोड कर सत्यापन कराया जा सकता है।
भौतिक सत्यापन न होने पर पेंशन रोकने की चेतावनी
उप निदेशक यादव ने बताया कि जिन लाभार्थियों का भौतिक सत्यापन नहीं किया गया, उनके पेंशन भुगतान को रोका जा सकता है इससे सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि केवल योग्य और सत्यापित व्यक्ति ही पेंशन का लाभ उठा सकें।
फर्जी लाभार्थियों के खिलाफ वसूली
सरकार की योजना के अनुसार, जिन लोगों ने फर्जी प्रमाण पत्र के माध्यम से लाभ लिया है, उनसे वसूली की जाएगी और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
राज्य सरकार का कड़ा रुख
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर पेंशन योजनाओं का दुरुपयोग करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा इसके लिए विशेष जांच दलों का गठन किया गया है जो जिला स्तर पर कार्यरत रहेंगे और गहन जांच करेंगे।
संबंधित विभागों की भूमिका
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अलावा, अन्य संबंधित विभागों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे आधार कार्ड और अन्य सरकारी प्रमाण पत्रों के सत्यापन में मदद करें इसके साथ ही स्थानीय पुलिस विभाग को भी जांच प्रक्रिया में सहयोग करने के आदेश दिए गए हैं ताकि किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी की संभावना को समाप्त किया जा सके।
निष्कर्ष
इस प्रकार, राज्य सरकार की यह पहल प्रदेश में फर्जी प्रमाण पत्रों के जरिए सामाजिक सुरक्षा पेंशन का दुरुपयोग करने वालों के लिए एक कड़ा संदेश है इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल सही और योग्य लाभार्थी ही पेंशन योजनाओं का लाभ प्राप्त करें, जिससे वास्तविक जरूरतमंदों को उनके हक का लाभ मिल सके।