Rajasthan School Syllabus Change: राजस्थान सरकार ने राज्य के स्कूल पाठ्यक्रम में सुधार लाने के लिए एक विशेष समिति का गठन किया है, जिसका उद्देश्य पाठ्यक्रम को समय की मांग और राष्ट्रीय भावना से मेल खाते हुए अद्यतन करना है।
राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर द्वारा हाल ही में इस समिति की घोषणा की गई थी, जिसमें शिक्षा के स्तर को और बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे।
समिति का गठन और उद्देश्य
राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग ने यह कदम उठाया है ताकि पाठ्यक्रम में पढ़ाए जा रहे कुछ अवांछनीय या अनुपयुक्त विषयों और हिस्सों को हटाया जा सके मंत्री के अनुसार, समय के साथ शिक्षा प्रणाली में बदलाव जरूरी है ताकि विद्यार्थियों को समय के अनुसार और राष्ट्रीय भावना से मेल खाता पाठ्यक्रम मिले इस समीक्षा समिति का मुख्य उद्देश्य राजस्थान राज्य के स्कूल शिक्षा पाठ्यक्रम का गहन मूल्यांकन करना है।
समिति के अध्यक्ष के रूप में कुलपति वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा के प्रोफेसर कैलाश सोडाणी को नियुक्त किया गया है वहीं, समिति के उपाध्यक्ष के तौर पर हनुमान सिंह राठौड़, जो एक प्रमुख शिक्षाविद हैं, कार्य करेंगे इसके अलावा, समिति में डी रामाकृष्ण राव, एनसीआरटी, दिल्ली के सलाहकार सदस्य, और सतीश गुप्ता को सदस्य सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है।
पाठ्यक्रम की समीक्षा प्रक्रिया
राज्य शिक्षा विभाग ने एक विस्तृत समीक्षा प्रक्रिया को अमल में लाने का निर्णय लिया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि पाठ्यक्रम विद्यार्थियों के मानसिक, शारीरिक और सांस्कृतिक विकास में सहायक हो यह प्रक्रिया राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत निर्धारित दिशा-निर्देशों और राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा पर आधारित होगी इसके माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पाठ्यक्रम में ऐसे विषय या सामग्री नहीं हो, जो समाज की संवेदनाओं, धार्मिक विविधता और सांस्कृतिक समरसता के खिलाफ हो।
पाठ्यक्रम में सुधार के लिए मुख्य बिंदु
- अवांछनीय विषयों को हटाना: राज्य सरकार ने उन विषयों को हटाने का निर्णय लिया है जो विद्यार्थियों के मानसिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं यह निर्णय राज्य के शिक्षाविदों और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है, जो पाठ्यक्रम में सुधार की आवश्यकता महसूस कर रहे थे।
- समाज की जरूरतों के अनुसार पाठ्यक्रम को अद्यतन करना: यह सुधार ऐसे समय में किया जा रहा है जब समाज में लगातार बदलाव आ रहे हैं पाठ्यक्रम को वर्तमान समय की आवश्यकताओं और राष्ट्रीय दृष्टिकोण से मेल खाना चाहिए।
- नवाचार और तकनीकी शिक्षा पर जोर: एक ओर पहल यह है कि नई तकनीक और नवाचारों को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा ताकि विद्यार्थियों को भविष्य के लिए तैयार किया जा सके शिक्षा में तकनीकी उन्नति को ध्यान में रखते हुए पाठ्यक्रम में डिजिटल शिक्षा, कंप्यूटर विज्ञान, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे विषयों का समावेश किया जा सकता है।
- शिक्षकों की प्रशिक्षण प्रक्रिया में सुधार: इसके साथ-साथ शिक्षकों के प्रशिक्षण और उनके विकास के लिए भी विशेष योजनाएं बनाई जाएंगी ताकि वे नवीनतम शैक्षिक पद्धतियों को अपनाकर छात्रों को सर्वोत्तम शिक्षा दे सकें।
समिति के सदस्य और उनकी भूमिका
समिति में विभिन्न शिक्षाविदों और विशेषज्ञों को शामिल किया गया है, जो राजस्थान के शिक्षा क्षेत्र के हर पहलू पर ध्यान देंगे इन सदस्यों में प्रमुख हैं:
- प्रोफेसर कैलाश सोडाणी (अध्यक्ष): कोटा विश्वविद्यालय के कुलपति होने के नाते, उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण सुधारों को लागू किया है।
- हनुमान सिंह राठौड़ (उपाध्यक्ष): एक प्रसिद्ध शिक्षाविद, जिन्होंने राजस्थान के शिक्षा क्षेत्र में सुधार लाने के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की।
- डी रामाकृष्ण राव (सलाहकार सदस्य): एनसीआरटी दिल्ली के वरिष्ठ सलाहकार, जो राज्य पाठ्यक्रम के सुधार के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश प्रदान करेंगे।
- सतीश गुप्ता (सदस्य सचिव): शिक्षा मंत्री के विशेषाधिकारी के रूप में, वे इस समिति के कार्यों को उचित रूप से लागू करने की जिम्मेदारी निभाएंगे।
इनके अलावा, समिति में अन्य वरिष्ठ शिक्षाविदों और विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया है, जिनमें प्रोफेसर भारत राम कुमार, श्याम सुंदर बिस्सा, और कन्हैया लाल बेरीवाल जैसे प्रमुख नाम हैं।
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) से विचार-विमर्श
पाठ्यक्रम की समीक्षा की प्रक्रिया को और अधिक प्रासंगिक बनाने के लिए, राजस्थान राज्य के प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) के निदेशक प्रोफेसर दिनेश प्रसाद सकलानी और सचिव अमन शर्मा से मुलाकात की थी इस बैठक में पाठ्यक्रम की समीक्षा के नियम और कानूनी प्रावधानों पर गहन चर्चा की गई यह सुनिश्चित किया गया कि राजस्थान का पाठ्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप हो।
Rajasthan School Syllabus Change में सुधार के लाभ
आधुनिक और तकनीकी दृष्टिकोण से शिक्षा: नई शैक्षिक तकनीकों और विषयों को पाठ्यक्रम में शामिल करके विद्यार्थियों को भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार किया जाएगा।
शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार: पाठ्यक्रम में किए गए सुधारों से शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि होगी, जिससे विद्यार्थियों को एक बेहतर और समग्र शिक्षा प्राप्त होगी।
राष्ट्रीय और सांस्कृतिक समझ का विकास: पाठ्यक्रम को इस प्रकार तैयार किया जाएगा कि यह विद्यार्थियों में राष्ट्रीय एकता, सांस्कृतिक विविधता और समाज के प्रति जिम्मेदारी का बोध कराए।