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Rajasthan New Districts: राजस्थान में 17 नए जिले कैबिनेट का बड़ा फैसला

Rajasthan New Districts राजस्थान के 17 नए जिलों पर सीएम भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में कैबिनेट सब कमेटी की बैठक

Rajasthan New Districts
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राजस्थान के 17 नए जिलों के भविष्य को लेकर आज महत्वपूर्ण बैठक हुई यह बैठक सोमवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित की गई बैठक का उद्देश्य नए जिलों के गठन से जुड़ी समस्याओं और संभावनाओं पर चर्चा करना था। हालांकि, इस बैठक में अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि इस बैठक में क्या चर्चा हुई और आगे का क्या संभावित परिदृश्य हो सकता है।

अशोक गहलोत के कार्यकाल में बने नए जिले

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कार्यकाल में, राजस्थान में 17 नए जिलों का गठन किया गया था इन जिलों की रचना की गई थी ताकि प्रशासनिक ढांचे को सुधारने और स्थानीय समस्याओं का समाधान करने के लिए जिला स्तर पर अधिक प्रभावी प्रबंधन किया जा सके लेकिन इन जिलों के गठन के बाद कई प्रशासनिक और क्षेत्रीय समस्याओं का सामना करना पड़ा है।

कैबिनेट सब कमेटी की बैठक का विश्लेषण

सीएम भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में कैबिनेट सब कमेटी की बैठक का उद्देश्य इन 17 नए जिलों के भविष्य पर विचार करना था बैठक में विशेष रूप से ललित के पंवार द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट पर चर्चा की गई। यह रिपोर्ट इन जिलों के गठन से जुड़े प्रशासनिक, सीमांकन और वित्तीय पहलुओं पर आधारित थी।

जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने बैठक के बाद कहा कि जन भावना के अनुरूप निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने उल्लेख किया कि नए जिलों की स्थापना जल्दबाजी में की गई थी और ये जिले सीमांकन, प्रशासनिक और क्षेत्रीय मानकों को पूरा नहीं कर रहे हैं इन जिलों के निर्माण में 2000 करोड़ रुपए से अधिक का खर्च आता है, जो कि एक महत्वपूर्ण आर्थिक बोझ है।

राजस्व मंत्री का बयान

राजस्व मंत्री हेमंत मीणा ने बैठक के बाद कहा कि आज की बैठक में सभी पहलुओं पर चर्चा की गई है, लेकिन किसी अंतिम निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सका यह दर्शाता है कि निर्णय लेने की प्रक्रिया अभी भी जारी है और कैबिनेट सब कमेटी को अभी और समय लगेगा।

ललित के पंवार की रिपोर्ट का महत्व

पूर्व आईएएस ललित के पंवार ने 31 अगस्त को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। इस रिपोर्ट में उन सभी नए जिलों का विस्तृत विश्लेषण किया गया था, जिनका गठन गहलोत सरकार के दौरान किया गया था पंवार ने हर जिले का दौरा किया और उनकी प्रशासनिक स्थिति, जनसंख्या और विकासात्मक आवश्यकताओं का मूल्यांकन किया इस रिपोर्ट की मदद से कमेटी को नए जिलों के संबंध में एक सटीक निर्णय लेने में मदद मिलेगी।

नए जिलों का संभावित भविष्य

नए जिलों के आकार और प्रशासनिक मानकों को ध्यान में रखते हुए, कुछ जिलों का मर्जर किया जा सकता है ऐसे जिलों में दूदू, खैरथल तिजारा, केकड़ी, सलूम्बर, सांचौर और शाहपुरा शामिल हैं इन जिलों को जोड़कर और पुनर्विभाजन करके नई प्रशासनिक व्यवस्था की जा सकती है।

इसके अलावा, डीग, गंगापुर सिटी, कोटपूतली-बहरोड़, नीमकाथाना, अनूपगढ़ और फलोदी जैसे जिलों पर भी फैसला लिया जा सकता है जयपुर और जोधपुर के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के अलग-अलग जिलों में विभाजन पर भी विवाद जारी है इन विवादों को सुलझाने के लिए भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने की आवश्यकता होगी।

आगे की कार्यवाही

कैबिनेट सब कमेटी ने निर्णय लिया है कि अगले 15 दिनों में एक और बैठक बुलाई जाएगी इस बैठक में नए जिलों के गठन और उनके भविष्य पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा यह निर्णय जन भावना और प्रशासनिक आवश्यकताओं के आधार पर लिया जाएगा।

Rajasthan New Districts निष्कर्ष

राजस्थान में 17 नए जिलों के गठन पर अब भी काफी विचार-विमर्श चल रहा है मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में कैबिनेट सब कमेटी की बैठक ने इस मुद्दे पर गंभीर चर्चा की है, लेकिन अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है आने वाले दिनों में इस पर निर्णय लिया जाएगा, जो कि प्रशासनिक सुधारों और जनहित में महत्वपूर्ण होगा।

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