प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत राजस्थान सरकार ने दिव्यांग गर्भवती महिलाओं को एक महत्वपूर्ण राहत दी है इस योजना के तहत, पहली संतान के जन्म पर मिलने वाली राशि को 6,500 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया गया है।
यह नई राशि 1 सितंबर 2024 से लागू हो गई है इस निर्णय के पीछे राजस्थान सरकार की प्राथमिकता महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और सशक्तिकरण को ध्यान में रखकर लिया गया है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की विस्तार से जानकारी
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसे गर्भवती महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए शुरू किया गया था इस योजना का मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में प्रोत्साहन देना है, ताकि वे सुरक्षित गर्भावस्था का अनुभव कर सकें और स्वस्थ संतान को जन्म दे सकें।
राजस्थान सरकार की पहल और बढ़ोतरी की राशि
राजस्थान सरकार ने इस योजना के अंतर्गत राज्य निधि से अतिरिक्त राशि प्रदान करने का निर्णय लिया है उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने इस फैसले को महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है उनका कहना है कि यह राशि गर्भावस्था के दौरान और संतान के जन्म के बाद महिलाओं को बेहतर पोषण और स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करेगी।
नई राशि का वितरण और लाभार्थियों के लिए मार्गदर्शन
नयी राशि का वितरण किस प्रकार किया जाएगा, यह जानना भी महत्वपूर्ण है।
- प्रथम किश्त: आंगनबाड़ी केंद्र पर पंजीकरण और कम से कम एक प्रसव पूर्व स्वास्थ्य जांच के लिए पूर्व में 3,000 रुपये दिए जाते थे, जिसे अब बढ़ाकर 4,000 रुपये कर दिया गया है।
- द्वितीय किश्त: बच्चे के जन्म पर पूर्व में 1,500 रुपये की द्वितीय किश्त को बढ़ाकर 3,000 रुपये कर दिया गया है।
- तीसरी किश्त: बच्चे के जन्म के पंजीकरण और टीकाकरण पर मिलने वाली तीसरी किश्त, जो पूर्व में 2,000 रुपये थी, अब बढ़ाकर 3,000 रुपये कर दी गई है।
इस राशि में बढ़ोतरी का लाभ उन महिलाओं को भी मिलेगा, जो आंशिक या पूर्ण रूप से अक्षम हैं।
राष्ट्रीय पोषण माह 2024 एक नई शुरुआत
1 सितंबर 2024 से प्रदेश में राष्ट्रीय पोषण माह 2024 का आयोजन भी किया गया है इस माह का उद्देश्य महिलाओं और बच्चों के पोषण को बढ़ावा देना है।
राष्ट्रीय पोषण माह के उद्देश्यों और गतिविधियाँ
- एनीमिया की रोकथाम: इस माह के दौरान एनीमिया की रोकथाम के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जाएंगे, जिससे महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार हो सके।
- वृद्धि निगरानी: बच्चों की वृद्धि की निगरानी की जाएगी ताकि समय पर आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सकें।
- पूरक आहार: पौष्टिक आहार की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी, जिससे महिलाओं और बच्चों को सही पोषण मिल सके।
- पोषण भी पढ़ाई भी (PBPB): पोषण और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए कई गतिविधियाँ संचालित की जाएंगी।
- पर्यावरण संरक्षण: इस माह के अंतर्गत पर्यावरण संरक्षण के उपायों को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
इस अभियान के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों की योजना बनाई गई है, जिन्हें जिला उपनिदेशकों और सीडीपीओ के सहयोग से किया जाएगा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं, आशा वर्कर, महिला पर्यवेक्षकों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सहयोग से इन गतिविधियों का सफल आयोजन सुनिश्चित किया जाएगा।
आर्थिक सहायता का महत्व और इसके प्रभाव
राजस्थान सरकार की इस पहल से गर्भवती महिलाओं को सीधी आर्थिक सहायता मिलने से उनके जीवन स्तर में सुधार होगा बढ़ी हुई राशि का प्रयोग स्वास्थ्य, पोषण और टीकाकरण जैसी आवश्यकताओं को पूरा करने में किया जाएगा यह पहल न केवल महिलाओं के स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करेगी बल्कि सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण साबित होगी।
महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रभाव
बढ़ी हुई राशि से गर्भवती महिलाओं को बेहतर पोषण मिल सकेगा, जिससे उनकी स्वास्थ्य समस्याएँ कम होंगी और बच्चे का स्वास्थ्य भी बेहतर होगा यह कदम मातृत्व स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक सकारात्मक परिवर्तन का संकेत है और इससे प्रदेश के स्वास्थ्य मानकों में सुधार होने की उम्मीद है।
राजस्थान सरकार का महिलाओं को तोहफा निष्कर्ष
राजस्थान सरकार का यह कदम महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए एक बड़ा सकारात्मक प्रयास है प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत राशि में बढ़ोतरी और राष्ट्रीय पोषण माह 2024 का आयोजन, दोनों ही महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं इस प्रकार की योजनाएं राजस्थान सरकार की सामाजिक जिम्मेदारी को दर्शाती हैं और गर्भवती महिलाओं के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती हैं।