Rajasthan CET Normalization: सीईटी नॉर्मलाइजेशन कुछ परीक्षार्थियों के लिए नुकसान का सौदा

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Rajasthan CET (सामान्य पात्रता परीक्षा) में Normalization एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, खासकर जब परीक्षा अलग-अलग शिफ्टों में होती है।

Rajasthan CET Normalization
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इसका मुख्य उद्देश्य सभी परीक्षार्थियों को बराबर और निष्पक्ष अंक देना होता है आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि Rajasthan CET Normalization क्या है, इसका फायदा किसे होगा और किसे नुकसान हो सकता है।

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Rajasthan CET Normalization क्या है?

जब कोई परीक्षा एक से अधिक शिफ्ट में होती है, तो हर शिफ्ट का प्रश्न पत्र अलग होता है इन प्रश्न पत्रों का कठिनाई स्तर एक जैसा नहीं होता, जिससे कुछ शिफ्ट के पेपर मुश्किल होते हैं और कुछ शिफ्ट के पेपर आसान Normalization की प्रक्रिया में सभी शिफ्ट के अंकों को बराबर करने की कोशिश की जाती है ताकि सभी परीक्षार्थियों के साथ न्याय हो सके।

इस प्रक्रिया के तहत, जिन शिफ्टों का पेपर ज्यादा कठिन होता है, उनके छात्रों के अंकों को बढ़ाया जाता है वहीं, जिन शिफ्टों का पेपर आसान होता है, उनके अंकों को कम किया जाता है इसका उद्देश्य यह है कि सभी परीक्षार्थियों के अंकों की तुलना एक समान तरीके से की जा सके।

Normalization की जरूरत क्यों है?

जब किसी परीक्षा में कई शिफ्ट होते हैं, तो हर शिफ्ट के प्रश्न पत्रों में कठिनाई का अंतर आ सकता है उदाहरण के लिए, यदि एक शिफ्ट का पेपर आसान हो और दूसरे शिफ्ट का पेपर कठिन हो, तो कठिन पेपर वाले छात्रों के कम अंक आ सकते हैं ऐसे में Normalization के जरिए कठिन शिफ्ट के छात्रों के अंकों को बढ़ाकर उन्हें अन्य शिफ्ट के छात्रों के बराबर लाया जाता है इससे परीक्षा की निष्पक्षता बनी रहती है।

किसे मिलेगा Normalization का लाभ?

Normalization प्रक्रिया का सबसे ज्यादा फायदा उन परीक्षार्थियों को होता है, जिनकी शिफ्ट का पेपर कठिन होता है कठिन पेपर वाले छात्रों के अंकों को बढ़ाया जाता है ताकि वे अन्य शिफ्ट के छात्रों के बराबर अंक पा सकें उदाहरण के लिए, अगर किसी छात्र के 40% अंक हैं और उसका पेपर कठिन था, तो उसके 3 से 7 अंक तक बढ़ाए जा सकते हैं इससे वह परीक्षा पास कर सकता है।

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किसे होगा नुकसान?

सरल शिफ्ट में परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों को Normalization से नुकसान हो सकता है आसान पेपर वाले शिफ्ट के छात्रों के अंकों को कम किया जा सकता है यदि किसी छात्र के पहले से ही 40% अंक हैं और उसके 3 से 5 अंक घटा दिए जाते हैं, तो हो सकता है कि वह परीक्षा में फेल हो जाए इसलिए, आसान पेपर वाले छात्रों को इस प्रक्रिया से थोड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।

Normalization कैसे काम करता है?

Rajasthan CET में Normalization प्रक्रिया के तहत सबसे पहले परीक्षा की आधिकारिक उत्तर कुंजी जारी की जाती है इसके बाद, उम्मीदवारों से गलत प्रश्नों पर आपत्तियां मांगी जाती हैं आपत्तियों के आधार पर, सभी शिफ्टों के अंकों का विश्लेषण किया जाता है जिन शिफ्टों में कठिन प्रश्नपत्र होते हैं, उनके छात्रों के अंकों को बढ़ाया जाता है, जबकि आसान शिफ्ट वाले छात्रों के अंकों को कम किया जाता है।

क्या नॉर्मलाइजेशन हमेशा लागू होता है?

Rajasthan CET में अभी तक यह तय नहीं हुआ है कि Normalization लागू होगा या नहीं यह फैसला परीक्षा के बाद किया जाएगा, जब सभी शिफ्टों के अंकों की समीक्षा की जाएगी पिछले वर्षों में भी Normalization प्रक्रिया का उपयोग किया गया था, इसलिए उम्मीद है कि इस बार भी इसे लागू किया जा सकता है।

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Rajasthan CET Normalization सारांश

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Rajasthan CET Normalization उन परीक्षाओं के लिए जरूरी है, जहां एक से अधिक शिफ्टों में परीक्षाएं आयोजित होती हैं इसका उद्देश्य सभी परीक्षार्थियों के अंकों को समान और निष्पक्ष बनाना है कठिन शिफ्ट वाले परीक्षार्थियों को इससे फायदा होगा, जबकि आसान शिफ्ट वाले छात्रों को थोड़ा नुकसान हो सकता है।

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