Lucknow University 104th Anniversary: लखनऊ विश्वविद्यालय हस्तियों का सम्मान, छात्रों का उत्सव

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लखनऊ विश्वविद्यालय अपने 104वें स्थापना दिवस के अवसर पर एक अद्भुत रूप में नजर आ रहा है जैसे एक नवेली दुल्हन सजती है, वैसे ही लखनऊ विश्वविद्यालय ने अपने परिसर को खूबसूरती से सजाया है इस समारोह के दौरान न केवल विश्वविद्यालय की इमारतों को अद्भुत तरीके से सजाया गया है, बल्कि यहां की रोशनी, लाइटिंग और सजावट ने इसे एक दिव्य रूप दे दिया है इस विशेष दिन पर पूरे विश्वविद्यालय परिसर में जो दृश्य देखने को मिलते हैं, वे दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं।

Lucknow University 104th Anniversary
Lucknow University 104th Anniversary

लखनऊ विश्वविद्यालय की सजावट: निहारने लायक दृश्य

लखनऊ विश्वविद्यालय की सजावट ने हर किसी को आश्चर्यचकित कर दिया है सभी बिल्डिंगों पर शानदार लाइटिंग की गई है, जिससे हर इमारत जगमगाती हुई नजर आती है खासतौर पर विश्वविद्यालय के गुंबदों को गुलाबी रंग की लाइटों से सजाया गया है, जो उन्हें और भी आकर्षक बनाते हैं इन गुलाबी रोशनियों के कारण विश्वविद्यालय का पूरा परिसर एक नई रौशनी में डूब जाता है।

गुंबदों के नीचे बने मेहराबों में सफेद रंग की लाइटें लगाई गई हैं, जो एक अद्भुत संतुलन बनाने का काम करती हैं यह दृश्य विश्वविद्यालय में आने वाले हर व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित करता है विश्वविद्यालय की इमारतें, खासकर जो ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, इन लाइटों से और भी भव्य लग रही हैं यह सजावट न केवल विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करती है, बल्कि इसे एक समृद्ध और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में प्रस्तुत करती है।

104वें स्थापना दिवस पर हुए महत्वपूर्ण कार्यक्रम

लखनऊ विश्वविद्यालय के 104वें स्थापना दिवस पर कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किए गए इस अवसर पर विश्वविद्यालय ने अपने प्रतिष्ठित अलुमनाई को सम्मानित किया ये वे लोग हैं जिन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई की और देश-विदेश में उच्च पदों पर अपनी छाप छोड़ी इस दिन सम्मानित होने वाले 6 प्रमुख अलुमनाई में शामिल हैं:

  • प्रो. प्रमोद टंडन (वैज्ञानिक)
  • न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान
  • मुकेश शर्मा (वरिष्ठ पत्रकार)
  • लीना जौहरी (प्रमुख सचिव)
  • धनंजय सिंह (प्रबंध निदेशक, मर्क लाइफ साइंस)
  • अजय सिंह (राष्ट्रपति के प्रेस सचिव)

ये सभी अलुमनाई लखनऊ विश्वविद्यालय के गौरव में चार चांद लगाने का काम कर रहे हैं इनका सम्मान विश्वविद्यालय के लिए गर्व का विषय है, क्योंकि इनकी उपलब्धियों से विश्वविद्यालय का नाम रोशन हुआ है।

कुलपति का संदेश और नई पहलें

लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने स्थापना दिवस के मौके पर विश्वविद्यालय के वार्षिक वाल कैलेंडर और टेबल कैलेंडर का भी विमोचन किया इस कैलेंडर में विश्वविद्यालय की सांस्कृतिक, शैक्षिक और ऐतिहासिक धरोहर को प्रदर्शित किया गया है इस पहल के जरिए विश्वविद्यालय ने अपनी समृद्ध परंपराओं और उपलब्धियों को न केवल अपने छात्रों, बल्कि पूरे समाज के सामने रखा है।

इस विशेष दिन की शुरुआत स्वरचित वाचन और कुलगीत से हुई, जो विश्वविद्यालय की संस्कृति और परंपरा को सम्मानित करने का एक महत्वपूर्ण तरीका था यह कार्यक्रम न केवल शिक्षा, बल्कि कला, संगीत और साहित्य के क्षेत्र में भी विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

लखनऊ विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक भूमिका और योगदान

लखनऊ विश्वविद्यालय का इतिहास और इसकी सांस्कृतिक धरोहर बहुत ही समृद्ध रही है स्थापना के बाद से, इस विश्वविद्यालय ने हमेशा ही शिक्षा, अनुसंधान और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है यहां से पढ़ाई करने वाले छात्र और छात्राएं विभिन्न क्षेत्रों में न केवल भारत, बल्कि विदेशों में भी अपने काम के लिए प्रसिद्ध हुए हैं विश्वविद्यालय का उद्देश्य सिर्फ शिक्षा प्रदान करना नहीं, बल्कि समाज को एक नया दिशा देना भी है।

लखनऊ विश्वविद्यालय ने समय-समय पर अपनी शैक्षिक, सांस्कृतिक और सामाजिक पहल से समाज में एक नई जागरूकता पैदा की है इसका हर कदम न केवल शैक्षिक उत्कृष्टता की ओर बढ़ता है, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों के लिए नए अवसरों का सृजन भी करता है।

लखनऊ विश्वविद्यालय का भविष्य: नई दिशा और समृद्धि

लखनऊ विश्वविद्यालय का भविष्य बहुत ही उज्जवल नजर आता है कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय की अगुवाई में विश्वविद्यालय नए-नए आयामों को छूने की दिशा में बढ़ रहा है नवीन शोध, तकनीकी विकास और वैज्ञानिक अनुसंधान में यह विश्वविद्यालय वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है। साथ ही, विश्वविद्यालय में होने वाली सांस्कृतिक और शैक्षिक गतिविधियाँ छात्रों को एक मजबूत और सक्षम नागरिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

यह विश्वविद्यालय न केवल शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर रहा है, बल्कि सामाजिक कार्यों, पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक संरक्षण के लिए भी अपनी भूमिका निभा रहा है इसके कार्यों से न केवल विश्वविद्यालय के छात्र, बल्कि पूरा समाज लाभान्वित हो रहा है।

Lucknow University 104th Anniversary निष्कर्ष

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लखनऊ विश्वविद्यालय का 104वां स्थापना दिवस न केवल विश्वविद्यालय के लिए गर्व का दिन है, बल्कि यह उन लोगों के लिए भी एक प्रेरणा है जिन्होंने इस संस्थान से अपनी शिक्षा प्राप्त की विश्वविद्यालय की सुंदर सजावट, लाइटिंग, और अलुमनाई की उपलब्धियाँ इस दिन को और भी खास बना देती हैं कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय के नेतृत्व में यह विश्वविद्यालय निरंतर नई ऊंचाइयों को छूने की ओर अग्रसर है।

यदि आप भी शिक्षा, संस्कृति और शोध में लखनऊ विश्वविद्यालय के योगदान के बारे में और जानना चाहते हैं, तो यह आपके लिए एक प्रेरणा का स्रोत हो सकता है।

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