CBSE Migration Certificate Digital 2025: राजस्थान में पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं के लिए एक अहम खबर आई है सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) ने घोषणा की है कि 2025 से वह दसवीं और बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों को माइग्रेशन सर्टिफिकेट की हार्डकॉपी जारी नहीं करेगा।
यह निर्णय छात्रों और उनके माता-पिता के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव है, क्योंकि पहले यह एक सामान्य प्रक्रिया थी।
माइग्रेशन सर्टिफिकेट की डिजिटल प्रणाली
सीबीएसई ने यह कदम डिजिटल युग को ध्यान में रखते हुए उठाया है अब से छात्रों को माइग्रेशन सर्टिफिकेट की डिजिटल कॉपी ही उपलब्ध होगी यह बदलाव विद्यार्थियों को नए दौर के अनुरूप तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
क्या है माइग्रेशन सर्टिफिकेट और इसका महत्व?
माइग्रेशन सर्टिफिकेट एक प्रकार का आधिकारिक दस्तावेज है जो छात्रों को एक स्कूल से दूसरे स्कूल या बोर्ड से किसी अन्य बोर्ड में स्थानांतरित होने के दौरान दिया जाता है यह प्रमाणपत्र यह दर्शाता है कि छात्र ने पहले बोर्ड से अपनी शिक्षा पूरी की है और वह दूसरे बोर्ड में अध्ययन करने के लिए पात्र है।
डिजिटल प्रतियों को मंजूरी देने की प्रक्रिया
परीक्षा नियंत्रक डॉ. संयम भारद्वाज ने बताया कि यूजीसी (यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन) ने सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को पत्र जारी कर दिया है जिसमें सीबीएसई और अन्य बोर्ड द्वारा जारी की गई मार्कशीट और प्रमाणपत्रों की डिजिटल प्रतियां स्वीकार करने के निर्देश दिए गए हैं इस फैसले से यह स्पष्ट हो जाता है कि 2025 के बाद सीबीएसई सिर्फ डिजिटल माइग्रेशन सर्टिफिकेट ही जारी करेगा।
परीक्षा शुल्क और माइग्रेशन सर्टिफिकेट
सीबीएसई की ओर से जारी किए गए नए निर्देशों के अनुसार, अब से विद्यार्थियों को परीक्षा शुल्क के साथ-साथ माइग्रेशन सर्टिफिकेट के लिए अलग से कोई शुल्क नहीं देना होगा पहले यह शुल्क हर साल छात्रों से लिया जाता था अब, इसे पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है।
कब जारी होगी हार्डकॉपी?
सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि हार्डकॉपी केवल उन्हीं मामलों में जारी की जाएगी जब कोई तकनीकी समस्या हो या जब इसे बेहद जरूरी समझा जाए ऐसे मामलों में छात्रों को सीबीएसई की वेबसाइट पर जानकारी अपलोड करनी होगी और फिर डुप्लीकेट एकेडमिक डॉक्यूमेंट सिस्टम के तहत माइग्रेशन सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा।
डिजी लॉकर का महत्व
पिछले कुछ वर्षों में, सीबीएसई ने डिजी लॉकर जैसे डिजिटल प्लेटफार्मों का उपयोग कर अंकतालिका और प्रमाणपत्रों को छात्रों तक पहुंचाना शुरू कर दिया है यह एक ऑनलाइन सुविधा है जिसमें छात्र अपने दस्तावेजों को सुरक्षित रख सकते हैं और जब भी जरूरत हो, उसे डाउनलोड कर सकते हैं सीबीएसई के इस कदम से छात्र अपनी आवश्यकताओं के अनुसार डिजिटल माध्यम से अपने दस्तावेजों तक पहुंच सकते हैं।
डिजिटल दस्तावेजों के फायदे
- सुरक्षा और गोपनीयता: डिजिटल दस्तावेज अधिक सुरक्षित होते हैं और इनका पुनःनिर्माण संभव नहीं होता।
- सुविधा और पहुंच: छात्र कभी भी और कहीं से भी अपने दस्तावेजों का उपयोग कर सकते हैं।
- कागज की बचत: डिजिटल प्रणाली से कागज की खपत कम होती है, जिससे पर्यावरण संरक्षण में योगदान होता है।
सीबीएसई का डिजिटल ट्रांजिशन का उद्देश्य
सीबीएसई का यह कदम डिजिटल इंडिया पहल के तहत किया गया है, जिसका उद्देश्य शिक्षा और प्रशासन को अधिक तकनीकी रूप से सक्षम बनाना है इससे छात्रों को समकालीन तकनीकी ज्ञान मिलेगा और भविष्य में उनके लिए विभिन्न अवसरों के द्वार खुलेंगे।
कैसे करें डिजिटल माइग्रेशन सर्टिफिकेट की प्राप्ति?
- सीबीएसई की वेबसाइट पर लॉगिन करें: विद्यार्थियों को सबसे पहले सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट पर लॉगिन करना होगा।
- आवेदन पत्र भरें: आवश्यक जानकारी भरें और आवेदन प्रक्रिया पूरी करें।
- अपलोड दस्तावेज: यदि तकनीकी समस्या है, तो अपने दस्तावेजों को वेबसाइट पर अपलोड करें।
- डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन: प्रक्रिया पूरी होने के बाद, एक कन्फर्मेशन मिलेगा जिसमें डिजिटल सर्टिफिकेट डाउनलोड करने का लिंक होगा।
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CBSE Migration Certificate Digital 2025 निष्कर्ष
राजस्थान के छात्रों को सीबीएसई के इस नए आदेश के लिए तैयार रहना चाहिए डिजिटल दस्तावेजों से छात्रों को कई फायदे होंगे, जैसे कि समय की बचत, बेहतर सुरक्षा, और एक मजबूत तकनीकी आधार यह कदम छात्रों के लिए एक सकारात्मक बदलाव है जो उन्हें भविष्य में तकनीकी दृष्टिकोण से मजबूत बनाएगा।