BEd Vs DELEd News मध्य प्रदेश में बीएड डिग्री धारक प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती रद्द होगी – यह खबर हाल ही में बहुत चर्चा में है मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय के अंतर्गत लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार, 11 अगस्त 2023 और उसके बाद भर्ती किए गए बीएड डिग्री धारक प्राइमरी शिक्षकों की नियुक्ति रद्द की जाएगी इस आदेश का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल योग्य शिक्षक ही प्राथमिक कक्षाओं में शिक्षण कर सकें।
बीएड डिग्री और डीएड डिग्री में अंतर
बीएड (बैचलर ऑफ एजुकेशन) और डीएड (डिप्लोमा इन एजुकेशन) दोनों ही शिक्षक बनने के लिए आवश्यक शिक्षा की डिग्रियाँ हैं, लेकिन इन दोनों में महत्वपूर्ण अंतर है बीएड एक स्नातक स्तर की डिग्री है जो आमतौर पर 2 साल की अवधि की होती है और इसमें शिक्षक बनने के लिए गहरी शिक्षा और प्रशिक्षण शामिल होता है इसके विपरीत, डीएड एक डिप्लोमा कोर्स है जो आमतौर पर 1 साल का होता है और इसमें प्राथमिक शिक्षा के लिए बुनियादी प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
मध्य प्रदेश सरकार का नया आदेश
मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने 11 अगस्त 2023 के बाद भर्ती किए गए बीएड डिग्री धारक प्राइमरी शिक्षकों की नियुक्ति रद्द करने का आदेश जारी किया है यह आदेश उन शिक्षकों पर लागू होगा जिनकी योग्यता बीएड है, लेकिन उनकी रिकॉर्ड में त्रुटिवश डीएड लिखा गया है ऐसे मामलों में भी उनकी नियुक्ति रद्द की जाएगी।
इस आदेश का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी शिक्षक सही और उपयुक्त योग्यता के साथ हों, ताकि प्राथमिक शिक्षा में गुणवत्ता बनाए रखी जा सके जिला शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में सूची भी भेज दी गई है, जिसमें 25 जिलों के डीईओ शामिल हैं।
हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 3 मार्च 2024 को एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि 11 अगस्त 2023 के पहले की भर्ती को ही मान्यता दी जाएगी इसके बाद की सभी नियुक्तियों को निरस्त कर दिया जाएगा इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त 2023 को एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा था कि केवल बीटीसी (बेसिक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट) और डीएलएड (डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन) डिग्री धारक ही प्राथमिक कक्षाओं को पढ़ाने के लिए पात्र होंगे।
यह निर्णय एनसीटीई (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन) के उस गजट नोटिफिकेशन को खारिज करता है, जिसमें बीएड डिग्री धारकों को लेवल फर्स्ट शिक्षक भर्ती के लिए योग्य माना गया था इसका सीधा असर उन अभ्यर्थियों पर होगा जिनके पास बीएड डिग्री है और वे प्राथमिक कक्षाओं के शिक्षक के रूप में नियुक्त हुए हैं।
आदेश का प्रभाव
इस आदेश के लागू होने से कई प्राइमरी शिक्षकों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है जो शिक्षक बीएड डिग्री के आधार पर नियुक्त हुए हैं, उन्हें अब अपनी नौकरी बनाए रखने के लिए संबंधित दस्तावेजों की पुष्टि करनी होगी शिक्षा विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि किसी शिक्षक की योग्यता बीएड है लेकिन उनके रिकॉर्ड में त्रुटि के कारण डीएड लिखा गया है, तो उनकी नियुक्ति भी रद्द कर दी जाएगी।
अग्रिम दिशा-निर्देश
मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने इस संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं सभी संबंधित शिक्षकों को चाहिए कि वे अपने दस्तावेजों की पुनरावृत्ति करें और सुनिश्चित करें कि उनके पास सभी आवश्यक योग्यताएँ हों। इसके अतिरिक्त, जिला शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में पूरी जानकारी और सूची प्रदान की गई है, जिससे उन्हें प्रक्रिया में मदद मिल सके।
BEd Vs DELEd News सारांश
मध्य प्रदेश में बीएड डिग्री धारक प्राइमरी शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर हाल ही में जारी किए गए आदेश ने शिक्षा क्षेत्र में एक नई हलचल पैदा कर दी है इस आदेश का उद्देश्य शिक्षा के मानकों को बनाए रखना और केवल योग्य शिक्षकों को प्राथमिक कक्षाओं में नियुक्त करना है।