iGOT training controversy: सैलरी रोकने का आदेश वापस, कर्मचारियों की सांस ली

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iGOT training controversy: हाल ही में, भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एक अहम आदेश जारी किया था, जिसमें सरकारी कर्मचारियों की सैलरी को इंटीग्रेटेड गवर्नमेंट ऑनलाइन ट्रेनिंग (iGOT) कोर्स की अनिवार्य रूप से पूर्णता से जोड़ा गया था।

iGOT training controversy
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इस आदेश के अनुसार, उन कर्मचारियों की सैलरी को मंजूरी दी जाती थी जिन्होंने iGOT के कोर्स को पूरा किया था लेकिन अब इस आदेश को वापस ले लिया गया है और 18 नवम्बर 2024 को एक नया आदेश जारी किया गया, जिसमें iGOT कोर्स की अनिवार्यता को रद्द कर दिया गया है।

इस लेख में, हम iGOT प्लेटफॉर्म के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और यह समझेंगे कि यह भारत के सरकारी कर्मचारियों के लिए कैसे एक बेहतर लर्निंग टूल साबित हो रहा है।

iGOT प्लेटफॉर्म क्या है?

iGOT (इंटीग्रेटेड गवर्नमेंट ऑनलाइन ट्रेनिंग) भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म है, जिसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को नई क्षमताएं और कौशल प्रदान करना है यह डिजिटल इंडिया पहल का हिस्सा है, जो भारत में डिजिटल शिक्षा और प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है।

iGOT प्लेटफॉर्म के माध्यम से सरकारी कर्मचारी कहीं भी, कभी भी, किसी भी डिवाइस पर प्रशिक्षण ले सकते हैं इसका उद्देश्य कर्मचारियों की कुशलता और प्रोफेशनलिज़म को बेहतर बनाना है, ताकि वे सरकारी सेवा में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।

iGOT की अनिवार्यता पर केंद्र सरकार का आदेश

भारत सरकार ने iGOT कोर्स की अनिवार्यता के संबंध में जो आदेश जारी किया था, उसमें यह बताया गया था कि सिर्फ उन्हीं कर्मचारियों की सैलरी क्लियर की जाएगी जिन्होंने iGOT के अनिवार्य कोर्स को सफलतापूर्वक पूरा किया है मंत्रालय ने सभी अकाउंट्स अफसरों को निर्देशित किया था कि iGOT प्रमाणपत्र के बिना कर्मचारियों की सैलरी को रोक दिया जाए।

यह आदेश प्रशासनिक दिक्कतों और कर्मचारियों के तनाव का कारण बना था, क्योंकि कई कर्मचारियों ने iGOT कोर्स को समय पर पूरा नहीं किया था हालांकि, अब इस आदेश को वापस लिया जा चुका है और सैलरी का भुगतान पहले की तरह किया जाएगा।

iGOT प्लेटफॉर्म के लाभ

iGOT प्लेटफॉर्म में कई महत्वपूर्ण विशेषताएँ हैं, जो इसे सरकारी कर्मचारियों के लिए अत्यधिक लाभकारी बनाती हैं:

  1. सुविधाजनक और फ्लेक्सिबल: iGOT प्लेटफॉर्म पर प्रशिक्षण लिया जा सकता है, और यह किसी भी समय, किसी भी स्थान से उपलब्ध है इसका मतलब है कि कर्मचारियों को कार्य के दौरान या निजी समय में कोर्स पूरा करने की सुविधा मिलती है।
  2. विविध कोर्स: iGOT प्लेटफॉर्म पर सैकड़ों कोर्स उपलब्ध हैं, जो सरकारी कर्मचारियों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में कौशल सुधारने में मदद करते हैं। इसमें प्रशासनिक, तकनीकी, और अन्य जरूरी विषय शामिल हैं।
  3. सरकारी नौकरी में सुधार: iGOT प्लेटफॉर्म के माध्यम से कर्मचारियों को प्रशासनिक सुधार, नवाचार, और नई तकनीकें सिखाई जाती हैं, जो उन्हें अपने कार्य में अधिक प्रभावी और कुशल बनाती हैं।
  4. 24/7 उपलब्धता: प्रशिक्षण सामग्री को कभी भी एक्सेस किया जा सकता है, जिससे कर्मचारियों को अपनी सुविधा के अनुसार सीखने का समय मिलता है।
  5. आधुनिक तकनीकी उपयोग: iGOT प्लेटफॉर्म मोबाइल फ्रेंडली है और इसे लैपटॉप, डेस्कटॉप, और स्मार्टफोन पर एक्सेस किया जा सकता है।

iGOT प्लेटफॉर्म का उद्देश्य और डिजिटल इंडिया मिशन

iGOT प्लेटफॉर्म का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों के कौशल में सुधार करना और प्रशासन में पारदर्शिता लाना है यह प्लेटफॉर्म डिजिटल इंडिया मिशन का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारत को डिजिटल रूप से सशक्त बनाना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया गया राष्ट्रीय लर्निंग वीक भी इसी दिशा में एक कदम है, जिसमें भारत के नागरिकों को सीखने और कौशल सुधारने के लिए प्रेरित किया जाता है।

iGOT प्लेटफॉर्म और कर्मचारियों की सैलरी

हालांकि, सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने हाल ही में अपने आदेश को वापस लिया है, लेकिन यह प्लेटफॉर्म कर्मचारियों की सैलरी प्रक्रिया से जुड़ा हुआ था पहले के आदेश के अनुसार, iGOT कोर्स की पूर्णता को सैलरी क्लियरेंस से जोड़ना एक विवादास्पद कदम था, क्योंकि इससे कर्मचारियों में निराशा और प्रशासनिक जटिलताएँ उत्पन्न हो गई थीं।

इस आदेश को रद्द कर दिया गया है, लेकिन सरकार ने iGOT की महत्ता को बनाए रखते हुए उसे स्वयं-संवेदनशील बनाने का प्रयास किया है।

iGOT और सरकारी सेवाओं में बदलाव

iGOT प्लेटफॉर्म का मुख्य उद्देश्य सरकारी सेवा को ज्यादा प्रभावी और पारदर्शी बनाना है यह प्लेटफॉर्म सरकारी कर्मचारियों को नई तकनीकें और कौशल सिखाता है, जिससे उनके कार्य में सुधार होता है iGOT का दीर्घकालिक उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को आधुनिकता और कुशलता प्रदान करना है, ताकि वे देश की सेवा में बेहतर तरीके से काम कर सकें।

iGOT के भविष्य की दिशा

iGOT प्लेटफॉर्म का भविष्य अत्यधिक प्रोमिसिंग है डिजिटल शिक्षा के क्षेत्र में इसके योगदान को देखते हुए, यह प्लेटफॉर्म आगामी वर्षों में और भी प्रभावी बन सकता है सरकार iGOT को और विस्तृत और प्रभावी बनाने की दिशा में कार्य कर रही है।

iGOT training controversy निष्कर्ष

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iGOT प्लेटफॉर्म भारतीय सरकारी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण टूल बन चुका है इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से कर्मचारियों को नई शिक्षा और कौशल प्राप्त करने का अवसर मिलता है हालांकि, हाल ही में आदेश के रद्द होने के बाद, iGOT की महत्ता कम नहीं हुई है यह प्लेटफॉर्म सरकारी कर्मचारियों के कौशल में सुधार लाने के लिए एक बेहतरीन साधन है और आगे भी इसे और प्रभावी बनाने के प्रयास जारी रहेंगे।

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